शिक्षा विभाग का नया कदम : माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक नियुक्तियों के लिए बदले जाएंगे स्टाफिंग मानक
नई गाइडलाइन से विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या होगी तय, नव क्रमोन्नत स्कूलों में पद सृजन की प्रक्रिया भी शुर
बांसवाड़ा,06 जून 2025- राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने और स्टाफिंग प्रणाली को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से नए स्टाफिंग पैटर्न लागू करने की तैयारी की है। इसके तहत विभिन्न स्तरों पर छात्र संख्या के अनुसार शिक्षक पदों का निर्धारण होगा, जिससे शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
🔹 पद निर्धारण के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित
शिक्षा विभाग ने इस नई नीति को लागू करने से पहले विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। यह समिति विद्यालयों में छात्र संख्या और विषयों के आधार पर शिक्षक पदों की संख्या तय करने के लिए सुझाव देगी। इस समिति में शिक्षा निदेशक, संयुक्त निदेशक (माध्यमिक), जिला शिक्षा अधिकारी, और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे।
समिति की अनुशंसा के बाद विद्यालयों के लिए शिक्षक पद स्वीकृत किए जाएंगे। इसके लिए नामांकन आंकड़ों को आधार बनाया जाएगा ताकि वास्तविक आवश्यकता के अनुसार ही स्टाफिंग हो सके।
🔹 नव क्रमोन्नत विद्यालयों में भी मिलेंगे नए शिक्षक पद
हाल ही में राज्य के कई माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक में क्रमोन्नत किया गया है। इन नव क्रमोन्नत विद्यालयों में अब विज्ञान, वाणिज्य और कला जैसे संकायों के अनुसार नए विषयाध्यापक नियुक्त किए जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को विषयवार पढ़ाई के लिए पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध हो सकेंगे।
इसके साथ ही, इन स्कूलों में आवश्यकतानुसार प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों और कंप्यूटर शिक्षकों के पद भी प्रस्तावित किए जा सकते हैं।
🔹 एक और दो संकाय वाले विद्यालयों के लिए अलग-अलग स्टाफिंग पैटर्न तय
नए मानकों के अनुसार, विद्यालयों में नामांकन के आधार पर शिक्षक पदों का निर्धारण होगा। शिक्षा विभाग ने एक और दो संकाय वाले उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए स्पष्ट मानक तैयार किए हैं:
📘 एक संकाय वाले विद्यालय:
- कक्षा 11-12 (नामांकन 120 तक): 6 विषयाध्यापक
- कक्षा 9-10 (नामांकन 120 तक): 6 शिक्षक
- कक्षा 6-8 (नामांकन 120 तक): 3 शिक्षक
- कक्षा 1-5 (नामांकन 60 तक): 2 शिक्षक
📘 दो संकाय वाले विद्यालय:
- प्रत्येक संकाय (11-12) के लिए 6 विषयाध्यापक (नामांकन 120 तक)
- कक्षा 9-10 (नामांकन 120 तक): 6 शिक्षक
- कक्षा 6-8 (नामांकन 120 तक): 3 शिक्षक
- कक्षा 1-5 (नामांकन 60 तक): 2 शिक्षक
➡️ इन आधारों पर ही भविष्य में शिक्षक नियुक्ति की जाएगी।
🔹 नामांकन के अनुसार हर वर्ष होगी समीक्षा
नई प्रणाली के अंतर्गत हर वर्ष के अंत में विद्यालयों के छात्र नामांकन की समीक्षा की जाएगी। इसके आधार पर शिक्षक पदों का निर्धारण किया जाएगा। यदि किसी विद्यालय में नामांकन घटता या बढ़ता है, तो उसके अनुरूप ही स्टाफिंग में बदलाव होगा।
इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी विद्यालय में शिक्षक अधिक या कम न हों, और सभी विद्यार्थियों को समान रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
🔹 नियुक्ति प्रक्रिया में आएगी पारदर्शिता
शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी और ज़रूरत आधारित हो जाएगी। इससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी शिक्षक उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
विभाग की ओर से तैयार की गई यह रूपरेखा राज्य सरकार को भेज दी गई है और अनुमोदन के बाद इसे लागू किया जाएगा। इससे हजारों विद्यालयों को लाभ मिलने की संभावना है।
📌 निष्कर्ष:
राज्य सरकार का यह कदम विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। यदि यह योजना अमल में आती है तो शिक्षक भर्ती में गति आएगी और विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षण वातावरण मिलेगा।